Wednesday, October 17, 2012

Durga Chalisa - दुर्गा चालीसा


नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो अंबे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥

तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥

रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥

क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥

केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै। जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुँलोक में डंका बाजत॥

शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे। रक्तन बीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥

आभा पुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी। योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो। काम क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें। रिपु मुरख मोही डरपावे॥

शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
जब लगि जियऊं दया फल पाऊं। तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं॥
श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥

देवीदास शरण निज जानी। करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥

Monday, September 24, 2012

Windows Services fails to start

The Windows Services if it fails to start. Some of the other symptoms that is encountered:
(1) Windows Update, Antivirus Updates and other network related Services fails to start.
(2) Internet is not accessible even if the network is responding.

Solution:
Run this command:
netsh winsock reset
OR
sfc /scannow

Thursday, September 20, 2012

Command Prompt output to file

Sometimes we would like to send the Command Prompt Output as reports. To pass any output to a text file specify this command after your action command:

> c:\MyText.txt

Example:

ping -t 40.15.20.20 > d:\pingTest.txt

Wednesday, September 12, 2012

Hanuman Ji Aarti -- आरती श्री हनुमान जी

दोहा- लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लँगूर.
बज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर..
पवन सुत हनुमान की जय ….

चौपाई
आरती कीजै हनुमान लला की. दुष्ट दलन रघुनाथ कला की. आरती कीजै …
जाके बल से गिरिवर कापें रोग दोष जाके निकट न झांके अंजनी पुत्र महा बलदाई सन्तन के प्रभु सदा सहाई. आरती कीजै …
दे बीरा रघुनाथ पठाए लंका जारि सिया सुधि लाए लंका सो कोट समुद्र - सी खाई जात पवन सुत बार न लाई लंका जारि
असुर संहारे सियाराम के काज संहारे. आरती कीजै …
लक्ष्मन मूर्छित पड़े सकारे आनि संजीवन प्राण उबारे पैठी पताल तोरि जम-कारे अहिरावण की भुजा उखारे बाएं भुजा असुर
दल मारे दहिने भुजा संतजन तारे. आरती कीजै …
सुर नर मुनि आरती उतारें जय जय जय हनुमान उचारें कंचन थार कपूर लौ छाई आरती करत अंजना माई जो हनुमान जी
की आरती गावे बसि बैकुण्ठ परम पद पावे. आरती कीजै …

Thursday, September 6, 2012

Change Startup Programs in Windows

Method 1:
1. In the Start Menu search line, type shell:startup and press Enter.
OR
Open this folder: C:\Users\(User-Name)\AppData\Roaming\Microsoft\Windows\Start Menu\Programs\Startup
Drag the programs that you want to add to the start-up.

Method 2:
Go to Start -> All Programs -> Start Up
And Drag the programs that you want to add to the start-up

Method 3:
Go to Start -> Type "msconfig" in search or run option and Hit Enter
Enable and Disable Program from the list.


Method 4:
Open Regedit.msc from Run Option.
Modify the keys below for start-up programs:

HKEY_CURRENT_USER\Software\Microsoft\Windows\CurrentVersion\Run
AND
HKEY_CURRENT_USER\Software\Microsoft\Windows\CurrentVersion\RunOnce

Method 5:
Use Softwares such as Glary Utilities, CCleaner, Windows Manager, etc

Reset Windows XP/7 Password

1. Boot from Windows 7 Disk
2. Command Prompt –
copy c:\windows\system32\sethc.exe c:\
copy c:\windows\system32\cmd.exe c:\windows\system32\sethc.exe
3. Activate Sticky keys by SHIFT 5 times
In Command Prompt Enter: net user administrator **NewPassword**

Clearing Recent Items in Windows

Option 1 - From Start Menu
1. Right click on the Start button -> properties.
2. Uncheck the Store and display recently opened items in the Start menu and the taskbar box, and click on Apply.
4. Click on OK.

Option 2 - From Windows Explorer
1. Delete contents of this folder:
C:\Users\(User Name)\AppData\Roaming\Microsoft\Windows\Recent Items

Option 3 - From Registry
1. Paste this in a notepad -> Save it with the extension ".reg" and double click it.
[-HKEY_CURRENT_USER\Software\Microsoft\Windows\CurrentVersion\Explorer\RecentDocs]